रेनू गंगवार को मिल रहा राजनैतिक विरासत और विकास कार्यों का लाभ, कप प्लेट चुनाव चिन्ह के साथ होंगी अब चुनाव प्रचार में – बीस वर्षों से जिला पंचायत राजनीति में प्रभावशाली रही गंगवार परिवार की पकड़ – इस बार भी दिख रही मजबूती, रेनू गंगवार को मिल रहा ग्रामीणों का भारी समर्थन।

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रेनू गंगवार को मिल रहा राजनैतिक विरासत और विकास कार्यों का लाभ, कप प्लेट चुनाव चिन्ह के साथ होंगी अब चुनाव प्रचार में

– बीस वर्षों से जिला पंचायत राजनीति में प्रभावशाली रही गंगवार परिवार की पकड़

– इस बार भी दिख रही मजबूती, रेनू गंगवार को मिल रहा ग्रामीणों का भारी समर्थन

बरा। जिला पंचायत चुनाव के अंतर्गत भंगा सीट पर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है, जहां निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में हैं। रेनू गंगवार को जहां अपने कार्यकाल के दौरान कराए गए ठोस विकास कार्यों का जनसमर्थन मिल रहा है, वहीं उनका राजनैतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता नजर आ रहा है।

 

रेनू गंगवार पिछली बार इस सीट पर अपनी प्रतिद्वंद्वी जसविंदर कौर को 9589 मतों के रिकॉर्ड अंतर से पराजित कर चुकी हैं, जिसके पश्चात उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया गया और उन्होंने इस पद को सुशोभित करते हुए अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। गंगवार परिवार का पंचायत राजनीति में लम्बा इतिहास रहा है। रेनू गंगवार के ससुर ईश्वर प्रसाद गंगवार ने 1983 में ग्राम प्रधान के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी और लगातार 13 वर्षों तक ग्राम सभा बरा के प्रधान पद पर आसीन रहे। वर्ष 2003 में उनकी पत्नी स्व. सुशीला गंगवार ने बरी सीट से जिला पंचायत चुनाव जीतकर अध्यक्ष पद संभाला और 2008 में पुनः शहदौरा सीट से जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का कीर्तिमान रचा।

 

गंगवार परिवार की यह विजय यात्रा यहीं नहीं थमी। वर्ष 2014 में ईश्वर प्रसाद गंगवार ने सितारगंज के नकहा क्षेत्र से चुनाव जीतकर जिला पंचायत सदस्य बने और बाद में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। इस प्रकार गंगवार परिवार ने बीते दो दशकों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर लगातार प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। रेनू गंगवार इस विरासत की अगली कड़ी के रूप में इस बार भी चुनाव मैदान में हैं और उनकी स्थिति एक बार फिर मजबूत मानी जा रही है।

 

राजनीति की गहरी समझ रेनू गंगवार को पारिवारिक परिवेश से भी प्राप्त हुई है। वे स्नातक तक शिक्षित हैं और उनके पिता सूरज प्रसाद कटियार कानपुर देहात के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी बहन सीमा सचान कानपुर नगर की जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं, जबकि बहनोई राकेश सचान फतेहपुर से सांसद और दूसरे बहनोई अशोक कटियार कानपुर की चौबेपुर सीट से विधायक रह चुके हैं। मायका और ससुराल, दोनों ओर से राजनैतिक परिवेश में पली-बढ़ी रेनू गंगवार के पास अनुभव, समर्पण और जनसंपर्क की त्रिस्तरीय ताकत है।

 

जनसंपर्क अभियान के दौरान रेनू गंगवार ग्रामीणों से बहू-बेटी की तरह आशीर्वाद लेती दिखाई देती हैं और उन्हें हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिल रहा है। जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं, पैदल जनसंपर्क और चौपाल बैठकों के माध्यम से वे जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रही हैं। प्रचार की कमान उनके पति और वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश गंगवार स्वयं संभाले हुए हैं, जो अपने भाषणों में बीते बीस वर्षों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए जनता से रेनू गंगवार के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र को हमने अपना परिवार मानकर सेवा की है और विकास की जो धारा यहां प्रवाहित की गई है, वह किसी से छिपी नहीं है।

 

चुनावी फिजा में रेनू गंगवार को मिल रहा समर्थन संकेत दे रहा है कि भंगा सीट पर गंगवार परिवार की लोकप्रियता आज भी बरकरार है और विरोधियों के तमाम प्रयासों के बावजूद जनता इस चुनाव में विकास और सेवा को तरजीह देने के मूड में नजर आ रही है। जनता के विश्वास और अपने कार्यकाल के अनुभव के साथ रेनू गंगवार इस बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार बनकर उभरी हैं।

Mahendra Pal