
*सामने आया हिन्दू हृदय सम्राट (पूर्व विधायक) का चेहरा, समधी का राजनैतिक रसूख दिखाकर बेबस विधवा के साथ फर्जीवाड़ा।*
*- पीड़ित की शिकायत पर डीएम ने दिए जांच के आदेश*
– *पूर्व विधायक ठुकराल के समधी व समधी के साथियों पर फर्जीवाड़े के आरोप*
– *रजिस्ट्री और निर्माण कार्य पर लगी रोक।*
समाचार इंडिया 1, रुद्रपुर। रुद्रपुर के नेता आपसी वर्चस्व की राजनीति को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं लेकिन इसके उत्तर में विकास कार्यों से ओशो दूर रहते हैं और जनता से मानव उनका कुछ लेना देना ही नहीं है सिर्फ अपने रास्ते जनता को लूटने का काम करते हैं ऐसे अक्सर मामले सामने आते रहते हैं । आपको पता तो चले कि जब से रुद्रपुर विधानसभा रहते हुए पंतनगर विश्वविद्यालय की जगह पर सिडकुल का निर्माण हुआ है । कब से रुद्रपुर के शहर और आसपास की जमीनों की कीमत ने आसमान छुआ है। हाल ही में ताजा मामला सामने आया है जिसमें रुद्रपुर के कानपुर निवासी एक विधवा महिला और उसके पुत्र ने पूर्व विधायक के समधी और उनके साथियों पर गंभीर आरोप लगाए। पूरा मामले वाकिफ करते हैं।रुद्रपुर में करोड़ों की जमीन को लेकर चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के समधी और उनके रिश्तेदारों का नाम सामने आया है। दानपुर निवासी सौरभ कुशवाहा ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि उसकी पुश्तैनी जमीन पर धोखाधड़ी कर कब्जा कर लिया गया और वहां अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। जिलाधिकारी ने इस गंभीर मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, जिला विकास प्राधिकरण ने भी में एक्शन लेते हुए । अवैध कॉलोनी पर नोटिस जारी कर दिया है। जमीन की रजिस्ट्री और निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की सुनवाई की तिथि भी तय कर दी है। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व विधायक ठुकराल एक तरह तो ईमानदारी और हिंदू हृदय सम्राट होने की बात करते हैं तो वहीं ईमानदारी की कसम भी खाते हैं। और कहते हैं कि उनके जैसा हिंदू बनने के लिए कई जन्म लेने पड़ेंगे। दूसरी तरफ उनके संरक्षण में उनके रिश्तेदार करोड़ों की जमीनें हड़पने का काम कर रहे हैं। और मैं भी हिंदुओं की ही अनैतिक तरीके से एक हिंदू परिवार को सताते भी हैं।
*मानसिक आघात का फायदा उठाकर जमीन हड़पने का आरोप*
शिकायतकर्ता सौरभ कुशवाहा ने बताया कि काशीपुर रोड स्थित गांव दानपुर में पप्पू ढाबे के पास उसकी करीब ढाई एकड़ पुश्तैनी जमीन है, जो खसरा नंबर 439 और 442 में दर्ज है। यह जमीन उसके दादा राम प्यारे भगत के नाम वर्ग 1(क) में दर्ज थी। वर्ष 2014 में पिता की आकस्मिक मृत्यु और उसके बाद दादा की मानसिक स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाते हुए सौरभ ने कहा कि इसी मानसिक स्थिति का लाभ उठाकर वर्ष 2015-16 में सुभाष कुमार भुड्डी, ओमप्रकाश और राजेश घीक (बल्लू) नामक व्यक्तियों ने फर्जी चेक देकर धोखे से जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली।
*पूर्व विधायक के संरक्षण का आरोप,* मां को धमकाने की शिकायत पर
सौरभ की मां लीलावती ने बताया कि पति और ससुर की मृत्यु के बाद वह पूरी तरह बेसहारा हो गई थीं। वर्षों तक प्रशासनिक दरवाजे खटखटाने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला। लीलावती ने आरोप लगाया कि जब भी वह शिकायत करती थीं, आरोपी उन्हें पूर्व विधायक का नाम लेकर डराते-धमकाते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व जनप्रतिनिधि के प्रभाव के चलते स्थानीय प्रशासन भी कार्रवाई करने से बचता रहा।
*प्राधिकरण ने कसा शिकंजा, रजिस्ट्री और निर्माण पर रोक।*
शिकायत के बाद जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण ने अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनी पर सख्ती दिखाते हुए निर्माण व रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। साथ ही आरोपितों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई है।
*परिवार की गुहारः न्याय मिले, जमीन वापस हो*
सौरभ की मां ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी पुश्तैनी जमीन को धोखाधड़ी करने वालों के कब्जे से मुक्त कराया जाए ताकि उनका परिवार सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सके वक्त पूरे मामले में कार्रवाई करने पर उनके परिवार को अब जान माल का खतरा है अतः उन्होंने प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की है।

