बहेड़ी आपूर्ति विभाग में रिश्वतखोरी और दबंगई का खुलासा: राशन कार्ड बनवाने पहुंचे युवक से मारपीट, पत्रकार पर भी दर्ज कराई रिपोर्ट।

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बहेड़ी आपूर्ति विभाग में रिश्वतखोरी और दबंगई का खुलासा: राशन कार्ड बनवाने पहुंचे युवक से मारपीट, पत्रकार पर भी दर्ज कराई रिपोर्ट

 

बहेड़ी आपूर्ति विभाग में रिश्वतखोरी और दबंगई का खुलासा: राशन कार्ड बनवाने पहुंचे युवक से मारपीट, पत्रकार पर भी दर्ज कराई रिपोर्ट

 

बहेड़ी (बरेली)। बहेड़ी के आपूर्ति विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। तहसील क्षेत्र के गांव हफीजगंज निवासी अनस खान ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि राशन कार्ड बनवाने के लिए सप्लाई दफ्तर पहुंचने पर सप्लाई इंस्पेक्टर शिखा पांडे ने उससे 1500 रुपये की रिश्वत मांगी। विरोध करने पर दफ्तर में मौजूद 10-12 कर्मचारियों और लोगों ने उसे बंधक बनाकर जमकर मारपीट की। अनस का आरोप है कि यह सब एसडीएम से शिकायत की धमकी देने पर हुआ।

पीड़ित का कहना है कि सप्लाई इंस्पेक्टर उसके भाई अयाज खान से निजी रंजिश रखती हैं, जो एक वरिष्ठ पत्रकार हैं। इसी रंजिश के चलते न केवल उसके साथ बदसलूकी की गई, बल्कि अब इंस्पेक्टर शिखा पांडे ने पत्रकार अयाज खान पर भी कोतवाली में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज करा दी है। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने अयाज खान को झूठे केस में फंसाने और जान से मरवा देने तक की धमकी दी है।

अनस खान ने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि बहेड़ी का आपूर्ति दफ्तर भ्रष्टाचार और गुंडई का अड्डा बन गया है, जहां आम जनता को बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता।

हर समाधान दिवस पर राशन कार्ड की शिकायतें सबसे ज्यादा

बहेड़ी में हर समाधान दिवस पर राशन कार्ड से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं। शिकायतकर्ताओं की लंबी कतारें बताती हैं कि सप्लाई विभाग में किस हद तक अव्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार फैला हुआ है। आरोप है कि यहां का स्टाफ पहले लोगों के राशन कार्ड कटवा देता है, फिर उन्हीं से पैसे लेकर नए कार्ड बनाने का खेल चलता है।

पत्रकारों की आवाज़ दबाने की कोशिश?

जब पत्रकार इन गड़बड़ियों को उजागर करते हैं तो विभागीय अधिकारी उन पर रिपोर्ट दर्ज करवा देते हैं। सवाल यह है कि क्या अब पत्रकारों को जनता की समस्याएं उठाने का भी अधिकार नहीं है? क्या यह लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश नहीं है?

बहेड़ी के सप्लाई विभाग में भ्रष्टाचार और धमकियों का यह सिलसिला अब नया नहीं है। स्थानीय लोग बताते हैं कि सप्लाई इंस्पेक्टर खुद को इतने रसूखदार लोगों से जुड़ा बताती हैं कि वह किसी की परवाह नहीं करती, यहां तक कि उपजिलाधिकारी की भी नहीं सुनती।

अब देखना यह है कि बरेली प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और क्या उन लोगों को न्याय दिला पाता है जो सिस्टम के हाथों प्रताड़ित हो रहे हैं

Mahendra Pal