रुद्रपुर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई दिग्गजो कि साख को लगेगा बट्टा। माना जा रहा 2027 की विधानसभा सेमीफाइनल का दिलचस्प मुकाबला। चुनाव में आने लगा ट्विस्ट, कांग्रेसी अपनी ही पार्टी के नेताओं को बता रहा है भाजपा का स्लीपर सेल। कुछ दिग्गज कह रहे “वाक ओवर”।

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रुद्रपुर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई दिग्गजो कि साख को लगेगा बट्टा। माना जा रहा 2027 की विधानसभा सेमीफाइनल का दिलचस्प मुकाबला। चुनाव में आने लगा ट्विस्ट, कांग्रेसी अपनी ही पार्टी के नेताओं को बता रहा है भाजपा का स्लीपर सेल। कुछ दिक्कत कह रहे “वाक ओवर”। रिपोर्ट- महेंद्र पाल मौर्य। रुद्रपुर – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 7 महीने देरी से हो रहे हैं और ऐसे समय में हो रहे हैं ,जब पूरे प्रदेश में मानसून सत्र शुरू हो गया है। भारी बारिश की वजह से जगह-जगह से भूस्खलन, रोड़ों के टूटने, पेड़ों के गिरने और कहीं-कहीं तो बादल फटने की भी संभावना है। ऐसे में सरकार के द्वारा कराए जा रहे चुनाव कई तरीके से सवालों के घेरे में है । कई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएं भी होने की संभावना बनी हुई है ,वहीं विपक्ष इसको सरकार की नाकामयाबी भी बता रहा है ,क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया 5 साल पहले ही तय हो जाती है। लेकिन तय समय पर चुनाव न होना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है , पहले नगर निकाय चुनाव लेट हुए और अब यह पंचायत चुनाव जबकि सरकार एक नई चुनाव प्रक्रिया की बात कर रही है, फिलहाल अब चुनाव प्रक्रिया जोरों पर है और चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों ने अपने पर्चे दाखिल कर दिए, उत्तराखंड के 13 जिलों में से 12 जिलों में ही चुनाव हो रहे हैं। हरिद्वार जिले में चुनाव बाद में हमेशा होते रहे हैं । वही हम बात करें , अगर उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर मुख्यालय की तो यहां पर हमेशा राजनीति का केंद्रीयकरण देखने को मिलता है। रुद्रपुर की राजनीति की हलचल पूरे प्रदेश में गरमाई रहती है। कांग्रेस भाजपा दोनों ही पार्टियों में गुटबाजी जमकर सामने आ रही है । वहीं रूठने मनाने का दौर भी चल रहा है तो ऐसे में कई दिग्गजों की साख भी दांव पर है। एक तरफ तिलकराज बेहड जो किच्छा के वर्तमान विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं जो अपने आप में तराई के दिग्गज नेता है तो वही उनसे मात खाए हुए, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश शुक्ला भी भाजपा प्रत्याशियों के लिए दम खम लग रहे हैं। क्योंकि यही से 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रूपरेखा भी तय होगी जिस नेता में जितना दम दिखेगा वह उतना मजबूत टिकट का दावेदारभी होगा। रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर विकास शर्मा के साथ-साथ कांग्रेस के कई दिग्गजों की भी राजनीतिक साख को बट्टा लग सकता है। कांग्रेस के खुद ही कार्यकर्ता अपने नेतृत्व को भाजपा का स्लीपर सेल बता रहे हैं या फिर राजनीतिक विश्लेषकों मानें तो यह भी कहना है कांग्रेस रुद्रपुर के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वॉक ओवर कर रही है। जितने दम खम से भारतीय जनता पार्टी रण नीति बनाकर चुनाव लड़ रही है ,अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर रही है उतना दम कांग्रेस की रणनीति और उसके नेतृत्व में नहीं दिखाई दे रहा है। भाजपा की नाक का सवाल बन चुकी कुरैया सीट को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है, क्योंकि जिस तरीके से शक्ति प्रदर्शन से कुरैया सीट से भाजपा समर्थित प्रत्याशी कोमल चौधरी ने अपना नामांकन दाखिल किया है ,वह पूरे उधम सिंह नगर जिले के चुनाव प्रचार का अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है, जिससे यह साफ हो गया है कि कुराईया सीट अब हर हाल में भाजपा जीतना चाहती है । कुरैया सीट से कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी माने जा रहे संदीप सीमा का टिकट कांग्रेस पार्टी ने काट दिया है, जो की कांग्रेस पार्टी की आपसी गुटबाजी और कलह की भेंट चढ़ता बताया जा रहा है। अब यह सवाल खड़ा हो रहा है की कांग्रेस किस तरीके से चुनाव में फतह हासिल करेगी और अपनी प्रत्याशियों को जीत कर 2027 के चुनाव की मजबूती दिखा पाएगी। या फिर एक बार फिर से भाजपा बढ़त बनती दिखाई देगी।

Mahendra Pal