
चार श्रम कोड्स को लेकर एक्टू लामबंद। 9 जुलाई को करेंगे देशव्यापी हड़ताल और धरना प्रदर्शन।
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) के किच्छा बाई पास रोड स्थित ऐक्टू कार्यालय में हुई जिला कमेटी की मीटिंग में श्रमिक विरोधी 4 श्रम संहिताओं के खिलाफ होने वाली 9 जुलाई की हड़ताल को सफल बनाने का आव्हान किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए ऐक्टू प्रदेश अध्यक्ष कॉमरेड के. के. बोरा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पुराने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है। जिनमें मजदूरों के अधिकार निहित थे। परन्तु अब इसके बदले सरकार मजदूरों को गुलाम बनाने वाली 4 श्रम संहिताओं को लेकर आई है। नए श्रम संहिताओं में हफ्ते में काम के घंटे 48 से बढ़ाकर 60 कर दिए गए हैं, यूनियन बनाने का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया और नए श्रम संहिताओं से स्थाई नौकरी पाना असंभव हो जाएगा। 9 जुलाई को पूरे देश में ट्रेड यूनियन के संयुक्त आव्हान पर देशव्यापी श्रमिक हड़ताल होनी है। पहले यह हड़ताल मई माह में नियत थी। परन्तु युद्ध की संभावनाओं को देखते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इसे स्थगित कर इसकी तारीख 9 जुलाई तय की।
ऐक्टू जिला अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि इस हड़ताल की मुख्य मांग 4 श्रम संहिताओं को रद्द करने , पुराने श्रम कानून बहाल करने तथा न्यूनतम वेतन 35000 रुपए करने की है।
उन्होंने इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए सभी ट्रेड यूनियंस व कारखाना यूनियनों को पूरी ताकत के साथ एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाने की आव्हान किया। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को हड़ताल के साथ ही तमाम कारखाना व मजदूर यूनियनें जगह जगह प्रदर्शन करेंगी। ऐक्टू इन प्रदर्शनों को संयोजित करेगा।
बैठक में भाकपा (माले) जिला सचिव ललित मटियाली, ऐक्टू की अनिता अन्ना, बेलराइज वर्कर्स यूनियन के कोषाध्यक्ष साहब सिंह, आर एम एल एम्पलाइज यूनियन के उपाध्यक्ष कमलेश कार्की, सहित कमल दानू, महेश सिंह, विनोद रावत, गोविंद सिंह, जीवन कांडपाल, पूरन सिंह, अर्जुन, वीरेंद्र सिंह, नवीन शर्मा, बृजेश , पान सिंह, राजपाल, चंदन पाल, विनोद कुमार आदि ऐक्टू कार्यकर्ता व आइसा प्रदेश सचिव धीरज कुमार मौजूद थे।
ललित मटियाली

